Air India Crash: विमान हादसे में कैसे मदद करता है यात्री बीमा? जानिए कितना मिल सकता है मुआवजा और क्या है प्रक्रिया – Full Details

Air India Crash Insurance cover

Air India Crash: अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गया, जिससे पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। इस भयावह हादसे में 242 यात्रियों में से 241 की जान चली गई, जबकि एक ब्रिटिश नागरिक चमत्कारी रूप से बच गया। इसे हाल के वर्षों की सबसे बड़ी विमान दुर्घटनाओं में गिना जा रहा है।

 

टाटा ग्रुप ने घोषित की सहायता राशि

इस दुर्घटना के बाद टाटा ग्रुप ने मृत यात्रियों के परिवारों को ₹1 करोड़ की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया है। वहीं, जीवित बचे एकमात्र यात्री और हॉस्टल में घायल हुए लोगों का इलाज भी टाटा ग्रुप अपने खर्च पर करवा रहा है।

 

विमान हादसों में बीमा कैसे करता है मदद?

अब सवाल यह उठता है कि ऐसे हादसों में यात्रियों या उनके परिवारों को कौन-कौन से बीमा लाभ मिलते हैं और कैसे क्लेम किया जाता है।

 

एयरलाइंस कौन-कौन से बीमा कवर लेती हैं?

पॉलिसीबाजार के अनुसार, एयरलाइंस आमतौर पर कई तरह के बीमा कवर लेती हैं:

  • हल इंश्योरेंस (Hull Insurance): विमान को हुए नुकसान के लिए
  • पैसेंजर लाइबिलिटी इंश्योरेंस: यात्रियों के लिए
  • थर्ड पार्टी बीमा: जमीन पर किसी व्यक्ति या संपत्ति को नुकसान के लिए
  • कार्गो और क्रू के लिए पर्सनल एक्सीडेंट बीमा भी इसमें शामिल होता है

 

हल और लाइबिलिटी इंश्योरेंस में फर्क क्या है?

हल इंश्योरेंस विमान को हुए भौतिक नुकसान को कवर करता है, जबकि लाइबिलिटी इंश्योरेंस यात्रियों, ग्राउंड स्टाफ और आम जनता को हुए नुकसान की भरपाई करता है। यात्रियों को मिलने वाला मुआवजा अंतरराष्ट्रीय कानून, जैसे Montreal Convention 1999, के तहत तय होता है।

 

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कितने समय में मिलता है बीमा क्लेम?

एयरलाइंस को हादसे के 15 से 30 दिनों के भीतर एडवांस भुगतान करना होता है, जिससे पीड़ित परिवारों की तात्कालिक जरूरतें पूरी हो सकें। हालांकि, अंतिम बीमा निपटान में 6 महीने से लेकर 3 साल तक का समय लग सकता है।

 

यात्रा बीमा कैसे करता है मदद?

अगर यात्री ने व्यक्तिगत ट्रैवल इंश्योरेंस लिया हो, तो Accidental Death Benefit के तहत उनके परिवार को ₹10 से ₹15 लाख तक की राशि मिल सकती है। इसके अलावा:

 

इमरजेंसी मेडिकल एवैक्यूएशन

मृत शरीर को घर लाने का खर्च (Repatriation of Mortal Remains) भी इस बीमा में शामिल होते हैं।

 

इस विमान का बीमा किसके पास था?

एयर इंडिया के इस विमान का मुख्य बीमा टाटा AIG के पास था। इसके अलावा New India Assurance, National Insurance, ICICI Lombard, United India और Oriental Insurance जैसी कंपनियों ने भी आंशिक बीमा कवर दिया था। ये सभी कंपनियां ग्लोबल री-इंश्योरेंस नेटवर्क से जुड़ी हैं, जिसमें लंदन मार्केट की भी भूमिका है।

 

कुल बीमा दावे की अनुमानित राशि

जानकारों के मुताबिक, इस दुर्घटना में कुल बीमा क्लेम $120 से $150 मिलियन (करीब ₹1,000 से ₹1,200 करोड़) तक जा सकता है। इसमें से $80 मिलियन का हिस्सा सिर्फ विमान के नुकसान (Hull Loss) का होगा।

 

यात्रियों और थर्ड पार्टी को कितना मुआवजा?

कुछ यात्रियों की हाई नेट वर्थ और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत, यात्री मुआवजे की राशि $100 मिलियन तक जा सकती है। भारत द्वारा स्वीकार किए गए Montreal Convention 1999 के अनुसार, यात्री की मृत्यु की स्थिति में बिना गलती साबित किए भी ₹1.3 करोड़ तक का मुआवजा मिलता है। एयरलाइन की लापरवाही साबित होने पर यह और भी अधिक हो सकता है।

 

भारत के इतिहास का सबसे बड़ा बीमा दावा

विशेषज्ञ मानते हैं कि यह हादसा भारतीय एविएशन सेक्टर का अब तक का सबसे बड़ा बीमा क्लेम बन सकता है। इसमें यात्रियों, थर्ड पार्टी, घायल व्यक्तियों और खुद विमान के लिए अलग-अलग स्तरों पर क्लेम दाखिल किए जाएंगे।

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