Personal Loan Top-up: पर्सनल लोन टॉप-अप क्या होता है और कब लेना चाहिए? जानिए इसके फायदे

Personal Loan Top-up: जैसे-जैसे लोगों की आर्थिक ज़रूरतें और सपने बदलते हैं, वैसे-वैसे कई लोग अपने मौजूदा पर्सनल लोन पर टॉप-अप लोन लेने की ओर बढ़ रहे हैं। यह एक सुविधाजनक तरीका है जिससे छोटी अवधि के खर्चों को पूरा किया जा सकता है। हालांकि, हाल ही में RBI द्वारा रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती और सख्त होते लोन नियमों ने इस विकल्प को और भी जटिल बना दिया है।

इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि पर्सनल लोन टॉप-अप की प्रक्रिया को अच्छी तरह समझा जाए ताकि आर्थिक फैसले स्मार्ट तरीके से लिए जा सकें।

 

क्या है पर्सनल लोन टॉप-अप?

पर्सनल लोन टॉप-अप का मतलब है कि अगर आपने पहले से कोई पर्सनल लोन लिया हुआ है, तो आप उसी बैंक या संस्था से अतिरिक्त लोन ले सकते हैं — बिना नया लोन आवेदन शुरू किए।

यह सुविधा उसी बैंक द्वारा दी जाती है जहां से आपने पहला लोन लिया था और इसे पाने के लिए बहुत ज्यादा डॉक्युमेंटेशन की जरूरत नहीं होती। प्रोसेस तेज़ होता है और अक्सर कुछ ही घंटों में अप्रूवल मिल जाता है।

अधिकांश बैंक या NBFC इस सुविधा के लिए यह शर्त रखते हैं कि आपने कम से कम 6 से 12 EMI तक समय पर चुकाई हो, तभी आप टॉप-अप के लिए पात्र होते हैं।

 

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टॉप-अप लोन की मुख्य बातें और फायदे

चूंकि बैंक के पास आपके दस्तावेज़ (PAN, आधार, क्रेडिट हिस्ट्री) पहले से मौजूद होते हैं, इसलिए अप्रूवल जल्दी होता है।

यह भी एक बिना सिक्योरिटी के लोन होता है, यानी इसे मेडिकल इमरजेंसी, घर की मरम्मत या अन्य किसी जरूरी काम के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

टॉप-अप लोन की ब्याज दर मूल लोन जैसी या उससे थोड़ी कम हो सकती है, खासकर अगर आपकी क्रेडिट स्कोर बेहतर हुआ हो। मौजूदा दरें लगभग 10% से 14% सालाना के बीच चल रही हैं।

इसकी लोन अवधि अक्सर आपके मौजूदा लोन के बचे हुए समय के साथ मेल खाती है, हालांकि कुछ बैंक 60 महीने तक की अवधि भी देते हैं।

 

कौन ले सकता है टॉप-अप लोन?

  • आपकी क्रेडिट हिस्ट्री साफ होनी चाहिए और क्रेडिट स्कोर 750 से ऊपर होना चाहिए।
  • साथ ही आपकी वित्तीय स्थिति अच्छी होनी चाहिए ताकि आप अतिरिक्त EMI चुका सकें।
  • टॉप-अप लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया ज़्यादातर ऑनलाइन होती है, हालांकि आप चाहें तो बैंक की ब्रांच में जाकर भी अप्लाई कर सकते हैं।

 

टॉप-अप लोन का सही इस्तेमाल कैसे करें?

टॉप-अप लोन का इस्तेमाल सिर्फ जरूरी खर्चों जैसे मेडिकल इमरजेंसी, जरूरी मरम्मत या उच्च ब्याज दर वाले पुराने कर्ज को चुकाने के लिए करें।

फिजूलखर्ची या गैर-जरूरी चीजों के लिए इस लोन को लेना खतरनाक हो सकता है। टॉप-अप लेने से पहले:

  • EMI और कुल कर्ज पर असर की जांच करें।
  • प्रोसेसिंग फीस (5-6%) जैसे अतिरिक्त चार्ज को समझें।
  • किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह ज़रूर लें।

 

मौजूदा आर्थिक माहौल और सतर्कता

  • 6 जून 2025 को RBI ने रेपो रेट को 50 बेसिस पॉइंट घटाकर 5.50% और CRR में 100 बेसिस पॉइंट की कटौती की।
  • NBFC-MFIs और माइक्रोफाइनेंस लोन पर जोखिम भार घटाने से कर्ज देना आसान हो सकता है।
  • कई बैंक जैसे HDFC Bank और PNB ने लोन रेट में 10–50 बेसिस पॉइंट तक कटौती की है।
  • पर्सनल लोन की ब्याज दरें अब 10.5% से शुरू होकर 24% तक जा सकती हैं, जो आपके क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करता है।

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